ट्रेन चलाने के लिए बन सकते हैं 3 जोन! रेड, ग्रीन और येल्लो !


13 अप्रैल को होगा आखिरी फैसला


कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों के परिचालन के लिए देश को ग्रीन, येलो और रेड जोन में बांटने का सुझाव दिया है। रेड जोन में ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से बाधित होगा, जबकि ग्रीन जोन में ट्रेनों के परिचालन में कोई रोकटोक नहीं होगी।


21 दिनों का लॉकडाउन पीरियड की डेडलाइन नजदीक आते ही, नई योजना पर विचार हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीआरबी के साथ हुई बैठक में कई सुझाव दिए गए थे। इन सुझावों पर अमल करने के लिए 12-13 अप्रैल को ट्रेनों के परिचालन के संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा। बैठक में सुझाव दिया गया कि नियमित ट्रेनों के बजाय केवल विशेष ट्रेनों का परिचालन होगा। यात्रा करने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस से अनुमति लेनी होगी। वरिष्ठ नागरिकों को फिलहाल यात्रा की अनुमति नहीं होगी।


स्टेशन पर होंगे सेनिटाइजेशन जोन
स्टेशनों पर सेनिटाइजेशन ज़ोन बनाकर यात्रियों को प्लैट्फ़ॉर्म पर एंट्री दी जाएगी। यात्रियों को भी सेनिटाइजेशन का विशेष ध्यान देना होगा। स्टेशनों पर एक ही एंट्री-एग्ज़िट गेट होगा। यहां थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होगी।


नो-वेटिंग लिस्ट
ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट नहीं होगी, केवल कन्फर्म सीटें उपलब्ध होंगी। वातानुकूलित और द्वितीय शयनयान में बीच के सीट बुक नहीं की जाएगी। सामान्य कोच नहीं लगाए जाएंगे। यात्रियों को खाना और चद्दर तकिया खुद ही लाना होगा। यात्रा के दौरान मास्क नहीं पहनने पर भारी पेनल्टी देनी पड़ेगी।


सभी महानगर रेड जोन में
सूत्रों के अनुसार दिल्ली और मुंबई समेत सभी बड़े महानगर रेड जोन के दायरे में हैं। यहां से परिचालन फिलहाल संभव नहीं है। महानगरों में लोगों की आबादी को देखते हुए भी बुकिंग शुरू नहीं की जाएगी क्योंकि लोगों को नियंत्रण करने के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं है।


आईआरसीटीसी ने मुंबई -अहमदाबाद तेजस ट्रेन की बुकिंग भी 30 अप्रैल तक की रद्द कर दी है। बताया जा रहा है 15 से 30 अप्रैल तक हर ट्रिप में 300 से ज्यादा सीटें खाली थीं। सामान्य ट्रेनों की 15 अप्रैल के बाद की बुकिंग अभी भी शुरू है तथा सभी ट्रेनों में सीटें उपलब्ध हैं।